Tuesday, May 27, 2008

कल चमन था आज इक सहरा हुआ


गीतकार: राजेन्द्र कृष्ण, गायक: मो. रफ़ी, संगीतकार: रवि
फिल्म: खानदान - 1965

मुझे जब जब बहारों का ज़माना याद आएगा
कहीं अपना भी था इक आशियाना याद आएगा
कल चमन था आज इक सहरा हुआ
देखते ही देखते ये क्या हुआ
कल चमन था ...

मुझको बरबादी का कोई ग़म नहीं -२
ग़म है बरबादी का क्यों चर्चा हुआ
कल चमन था ...

एक छोटा सा था मेरा आशियाँ -२
आज तिनके से अलग तिनका हुआ
कल चमन था ...

सोचता हूँ अपने घर को देखकर -२
हो न हो ये है मेरा देखा हुआ
कल चमन था ...

देखने वालों ने देखा है धुआँ -२
किसने देखा दिल मेरा जलता हुआ
कल चमन था ...

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Wednesday, May 14, 2008

इतनी शक्ति हमें दे न दाता

गीतकार: अभीलाश, गायक: आशा भोंसले, संगीतकार: कुलदीप सिंह,
फिल्म: अंकुश -1985

इतनी शक्ति हमें दे न दाता
मनका विश्वास कमज़ोर हो ना
हम चलें नेक रास्ते पे हमसे
भूलकर भी कोई भूल हो ना...

हर तरफ़ ज़ुल्म है बेबसी है
सहमा-सहमा-सा हर आदमी है
पाप का बोझ बढ़ता ही जाये
जाने कैसे ये धरती थमी है
बोझ ममता का तू ये उठा ले
तेरी रचना का ये अन्त हो ना...
हम चले...


दूर अज्ञान के हो अन्धेरे
तू हमें ज्ञान की रौशनी दे
हर बुराई से बचके रहें हम
जितनी भी दे, भली ज़िन्दगी दे
बैर हो ना किसीका किसीसे
भावना मन में बदले की हो ना...
हम चले...

हम न सोचें हमें क्या मिला है
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बाटें सभी को
सबका जीवन ही बन जाये मधुबन
अपनी करुणा को जब तू बहा दे
करदे पावन हर इक मन का कोना...
हम चले...

हम अन्धेरे में हैं रौशनी दे,
खो ना दे खुद को ही दुश्मनी से,
हम सज़ा पाये अपने किये की,
मौत भी हो तो सह ले खुशी से,
कल जो गुज़रा है फिरसे ना गुज़रे,
आनेवाला वो कल ऐसा हो ना...

हम चले नेक रास्ते पे हमसे,
भुलकर भी कोई भूल हो ना...
इतनी शक्ति हमें दे ना दाता,
मनका विश्वास कमज़ोर हो ना...

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Monday, May 5, 2008

सब कुछ सीखा हमने

गीतकार: शैलेन्द्र सिंह, गायक: मुकेश, संगीतकार: शंकर जयकिशन, फिल्म: अनाड़ी -1959

सब कुछ सीखा हमने ना सीखी होशियारी
सच है दुनियावालों कि हम हैं अनाड़ी

दुनिया ने कितना समझाया
कौन है अपना कौन पराया
फिर भी दिल की चोट छुपा कर
हमने आपका दिल बहलाया
खुद पे मर मिटने की ये ज़िद थी हमारी (२)
सच है दुनियावालों कि हम हैं अनाड़ी

असली नकली चेहरे देखे
दिल पे सौ सौ पहरे देखे
मेरे दुखते दिल से पूछो
क्या क्या ख्वाब सुनहरे देखे
टूटा जिस तारे पे नज़र थी हमारी (२)
सच है दुनियावालों कि हम हैं अनाड़ी

दिल का चमन उजड़ते देखा
प्यार का रंग उतरते देखा
हमने हर जीने वाले को
धन दौलत पे मरते देखा
दिल पे मरने वाले मरेंगे भिखारी (२)
सच है दुनियावालों कि हम हैं अनाड़ी

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लाखों हैं निगाह में

लाखों हैं निगाह में, ज़िंदगी की राह में
सनम हसीन जवाँ
होठों में गुलाब है, आँखों में शराब है
लेकिन वो बात कहाँ

लट है किसी की जादू का जाल
रंग डाले किसी पे किसी का जमाल - २
तौबा ये निगाहें, के रोकती है राहें
ले लेके तीर कमान
लाखों हैं निगाह में ...

जानूं ना दीवाना मैं दिल का
कौन है खयालों की मलिका - २
भीगी भीगी रुत की छाओं तले
मन को कहीं वो आन मिले
कैसे पहचानूँ, कि नाम नहीं जानूँ
ढूँढे मेरे अरमान
लाखों हैं निगाह में ...

कभी कभी वो एक मह-जबीं
डोलती है दिल के पास कहीं - २
के हैं जो यही बातें
तो होंगी मुलाकातें
कभी वहाँ नहीं तो यहाँ

हाय, लाखों हैं निगाह में ...
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Thursday, May 1, 2008

चलते चलते यूही कोई

गीतकार: कैफ़ी आजमी, गायक: लता मंगेशकर,
संगीतकार: गुलाम मोहम्मद, फिल्म: पाकिजा - 1971

चलते चलते - 2

यूही कोई मिल गया था, सरे राह चलते चलते
वही थम के रह गयी हैं, मेरी रात ढलते ढलते
यूही कोई मिल …

जो कही गयी ना मुझ से, वो जमाना कह रहा हैं
के फसाना बन गयी है, मेरी बात चलते चलते
यूही कोई मिल …

शब-ए-इंतजार आखिर, कभी होगी मुक्त़ासर भी
ये चिराग बुझ रहे है, मेरे साथ जलते जलते
यूही कोई मिल …

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http://ds01.cooltoad.com/music/send.php?id=346590&name=CHALTECHALTE-pakeeza.mp3&token=song.346590.48199fc9f907a48b